“तुम मुझे भले िकतनी ही बार छोड़ कर चले जाओ, पर िजतनी बार जाओ, उस से एक बार ज़्यादा लौटना.. अगर िबछड़ना पचास बार तो िमलना इक्यावन बार. ये िवयोग अपनी बारी से आता रहा और साथ में िमलन भी. अन्त में िमलन जीतेगा.. एक नम्बर के फ़र्क से… “
“तुम्हारा विश्वास नहीं टूटता?”
“टूटता है, पर िफर बन्ध जाता है. विश्वास भले ही पचास बार टूटे, पर उसे इक्यवन बार बन्धना चािहये. एक बार ज़्यादा, बस एक बार…”